तत्काल चीनी सामानों के आयात पर प्रतिबंध लगाए सरकार :- शास्त्री

[दोगले चीन के सामानों का बहिष्कार करें, भारतीय जनमानस]


ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार आचार्य श्रीकांत शास्त्री जी ने कहा है कि एसोसिएशन देशभर के मीडियाकर्मियों के माध्यम से सोशल मीडिया के जरिए चीनी एप्लीकेशन (एप्प) एवं उसके अन्य सामानों के उपयोग प्रयोग को रोकने एवं बहिष्कार के लिए जनमानस के बीच जागरूक होने के लिए आंदोलन चलाएगी। साथ ही केंद्र सरकार एवं देश के सभी राज्यों की सरकारों से चाइनीस सामानों के आयात पर प्रतिबंध लगाने की मांग किया है। 

एसोसिएशन, उन मीडिया संस्थानों का विरोध करेगी जिनके यहां चीनी विनिवेश के साथ देश में कार्य किया जा रहा है एवं सरकार से मांग है कि जिन मीडिया संस्थानों में चाइनीस विनिवेश के माध्यम से कार्य हो रहा है, उसे बंद करने और उनके सारे सुख सुविधाएं व  सरकारी विज्ञापनों पर रोक लगाएं।


English Translate:- 

Government to ban import of Chinese goods immediately: - Shastri

 [Boycott Chinese goods, Indian public]



 President of All India Press Reporter Welfare Association and Senior Journalist Acharya Shrikant Shastri ji has said that the association has reached out to the public through media persons across the country to stop the use and use of Chinese application (app) and other items through social media.  To create awareness among the people will drive the movement.  At the same time, the Central Government and the governments of all the states of the country have demanded a ban on the import of Chinese goods.

The association will oppose the media institutions which are working in the country with Chinese disinvestment and there is a demand from the government that the media institutions which are functioning through Chinese disinvestment, should be closed and all their facilities and facilities  Prohibit government advertisements.

"वृक्ष बिना - जीवन सूना"

वैसे तो वृक्ष को धरा का आभूषण कहा जाता है लेकिन हम सभी जानते हैं कि विगत कई वर्षों से वन क्षेत्र सिकुड़ते जा रहे हैं और वृक्षों की कटान बढी है और इसकी वजह से पर्यावरण का बुरी तरह से नुकसान हुआ है।
औद्योगिक और अन्य विकास गतिविधियों के कारण पर्यावरण खतरनाक रूप लेता जा रहा है। मानसून भी कभी कम, कभी ज्यादा होने से कहीं सूखा तो कहीं बाढ़ की स्थिति बन जाती है। ऐसी समस्याओं के निराकरण का एकमात्र उपाय पौधारोपण और हरियाली को बढ़ावा देना ही है।
प्रदेश में जब से योगी सरकार आई है पौधारोपण का नया ही इतिहास बना रही है। पिछले साल 22 करोड़ पौधारोपण थे और इस साल जुलाई में 25 करोड़ पौधे रोपे जाने का लक्ष्य है। करीब 200 प्रजातियों के पौधे लगाने का भी विश्व रिकॉर्ड होगा। इस कार्य में सरकार पूरी निष्ठा से लगी हुई है।
 सबसे जरूरी बात को ध्यान में रखना चाहिए कि पहले तो अपनी जलवायु के अनुकूल पौधों को ही रोपित किया जाए क्योंकि पिछली बार भी देखा गया कि कई ऐसी प्रजातियों के पौधे लगा दिए गए जो सूख गए, तो इस तरह के पौधारोपण का कोई फायदा नहीं है।
कोरोनावायरस मे हमनेे   देखा कि जड़ी बूटियों और आयुर्वेदिक औषधियों का बहुत योगदान रहा है। तो ऐसे में हमें विशेष रुप से पीपल, नीम,पाकड़  आम, सहजन, ब्राह्ममी,  अश्वगंधा और भी तमाम उपयोगी पौधे लगाने हैं, जो हमारी जलवायु में वृक्ष का रूप ले सकें  और जीवन के लिए उपयोगी भी हों।

इससे आयुर्वेदिक दवाइयां आदि बनाने के लिए कच्चा माल भी आसानी से मिल जाएगा और एक तरह से लोकल फॉर वोकल भी होगा।

खबर यह भी है कि उत्तर प्रदेश में हाईवे के आसपास 800 किलोमीटर में औषधि मूलक पेड़ लगाए जाएंगे।यह तो बहुत अच्छी बात है इससे प्रदूषण भी कम होगा और साथ ही रोग फैलने की संभावना भी कम होगी, लेकिन इसके लिए जल संचयन की भी उतनी ही जरूरत है, जिससे पौधों को पर्याप्त पानी मिल सके।
पौधारोपण तो सरकार का अच्छा कदम है लेकिन पानी की कमी और उचित देखभाल ना होने से पौधे नष्ट हो जाते हैं इसलिए हो सके तो आसपास के गांव वालों को भी इससे जोड़ दिया जाए। वहां के सरपंच और वरिष्ठ नागरिक खुद उन पौधों की जिम्मेदारी लेकर उनकी देखभाल करें और सरकार उन को प्रोत्साहित करने के लिए सर्टिफिकेट या अन्य किसी तरीके से भी काम करें।
प्रकृति ने एक बार फिर यह सिखा दिया है कि अगर हम प्रकृति की रक्षा करेंगे तो वह भी हमारी रक्षा करती रहेगी। रोपें गए पौधे जीवित रहे और वृक्ष का रूप ले सकें इस बात पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, और यह कार्य बिना जन सहभागिता के संभव नहीं हो सकता है।
बच्चों को भी स्कूलों में खेती किसानी के साथ-साथ पर्यावरण और जल संचयन का उपयोगी ज्ञान देना आवश्यक है, क्योंकि यही बच्चे आगे चलकर देश का भविष्य बनते हैं।
इस तरह का पाठ्यक्रम फिर से शुरू किया जाना चाहिए। आखिर क्यों हमारे आसपास की नदी तालाब पेड़ पौधे सूख जाएं??? क्यों पशु पक्षी और मनुष्य त्राहि-त्राहि करें???? जबकि यह सब तो हमारे अपने हाथ में है कि हम प्रकृति को कितना संजो सकते हैं।

चाहे कोई गरीब हो या अमीर हो सभी को शुद्ध हवा, पानी की जरूरत है। ऐसे में पानी बचाना, भूगर्भ जल का संरक्षण करना, वर्षा का जल बचाने के लिए तालाब, बावडिया तैयार करना, पेड़ पौधों को बचाना, और उन सब की देखभाल करना, हम सभी की जिम्मेदारी है।
बूंद बूंद पानी, शुद्ध हवा और खिलखिलाती हरियाली को खरीदा नहीं जा सकता है, बस अपने थोड़े से प्रयास से सार्थक बनाया जा सकता है।
पौधारोपण सिर्फ अधिकारियों, कर्मचारियों के द्वारा महज खानापूर्ति ही नहीं बल्कि इस अभियान में आम नागरिकों की भूमिका को भी बढ़ावा देना जरूरी है, और इसके लिए वृक्षों पर मालिकाना हक और अत्यधिक जरूरत पर ही वृक्षों के कटान आदि के नियमों की नए सिरे से समीक्षा करनी चाहिए, तभी यह अभियान सफल होगा और सर्वत्र हरियाली ही हरियाली दिखाई देगी और धरती पेड़ों के आभूषण से सज जाएगी।

वरिष्ठ समाजसेवी, अधिवक्ता एवं लेखिका 
डॉ. कुसुम पांडेय 

देश में छटनी ग्रस्त पत्रकारों के रोजगार एवं सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित हो:- शास्त्री

[ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा राष्ट्रपति प्रधानमंत्री को सौंपा जाएगा ज्ञापन]

ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार आचार्य श्रीकांत शास्त्री जी ने  कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ ख़ास कर छटनी ग्रस्त पीड़ित पत्रकारों व प्रेस कर्मियों को केंद्र व् राज्य सरकारो द्वारा तिरष्कृत किया जा रहा है। उल्लेखनीय श्रम रोज़गार गारन्टी व सुरक्षा के मौजूदा क़ानून को देश मे मीडिया कर्मी/ पत्रकारो के लिये आर्थिक व सामाजिक सुरक्षा हेतु अनुपालन कतई नही की जा रही  है।

कोरोना काल मे मठाधीशो ने सैंकड़ो पत्रकारो को बिना सैलरी  दिए ही बाहर कर दिया है। गुहार लगाने पर उनके साथ गलत व्यवहार किया जा रहा है। 
 सारे मीडिया संस्थान ने मजीठिया वेज बोर्ड की सिफ़ारिशो का घोर उल्लंघन कर रहें हैं। पत्रकारों को न तो कोई नियुक्ति पत्र दी जाती है और न ही नौकरी की कोई गारंटी दी जाती हैं। यहां तक की अपनी मर्ज़ी नौकरी से निकाल दिया जाता है इन शोषित पीड़ित पत्रकारो/ श्रमिकों की रोजगार सुरक्षा हेतु सरकारो द्वारा कोई सुध नहीं ली जा रही हैं।
करोना महाकाल के मद्देनजर पीड़ित पत्रकार अपनी रोजगार न्याय सुरक्षा हेतु न्यायालय में अपनी व्यथा की अर्जी भी नहीं दे पा रहे है और यह में साजिशकर्ताओं का खुल्लम खुल्ला शिकार हो रहे हैं।

इस गंभीर समस्या को दृष्टिगत रखते हुए ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा देशभर के छटनी ग्रस्त मीडिया कर्मी/पत्रकारों के व्याप्त संकट के संबंध में महामहिम राष्ट्रपति, मा. प्रधानमंत्री, श्रममंत्री एवं देश के सभी राज्यो के मुख्यमंत्रीओ को इस संकट के निवारण हेतु जल्द ही ज्ञापन/प्रार्थना पत्र भेजा जाएगा।

https://www.facebook.com/shrikantt.shastri

"चीन के खिलाफ, सारा देश हमारा है"

एक तरफ चाइना द्वारा देश की सुरक्षा पर आघात करना और दूसरी तरफ अपने ही देश के विपक्ष के शीर्ष नेता द्वारा प्रधानमंत्री के लिए ओछे शब्दों का प्रयोग करना अत्यंत शर्मनाक बात है। ऐसे समय में जब देश के सभी लोग एकजुट हैं,  विपक्ष अलग ही राग अलाप रहा है।
सही बात है बिना संस्कार का व्यक्ति किसी का सम्मान नहीं कर सकता, यह लोग अपने को देश का सबसे बड़ा कर्णधार मान बैठे हैं। उनका मानना सही भी है क्योंकि जब कोई चीज बिना मेहनत के मिल जाती है तो ना तो उसकी कदर होती है और ना ही पाने वाले की काबिलियत सिद्ध होती है।
आजादी से लेकर लम्बे समय तक एक ही पार्टी ने देश पर राज किया।
अरे भाई 65 सालों तक देश पर शासन करने वाली विपक्ष का इस तरह की बात करना शोभा नहीं देता है। मेरी तो विपक्ष को नेक सलाह है कि वह स्वयं ही सीमा पर जाकर शहीद जवानों की शहादत का बदला ले लेते।
आज सर्वदलीय बैठक का सम्मान करते हुए सभी को चाहिए कि वह देश हित में क्या उचित है इसके बारे में चर्चा करें, क्योंकि सही मायने में तो देश विपक्ष की गलतियों की सजा पा रहा है। लेकिन आज इस पर चर्चा करने का सही समय नहीं है क्योंकि यह टकराव दुनिया में हमारे देश की छवि खराब करता है और इसी का फायदा पड़ोसी देश उठाते हैं।
 अभी तो हमारा एक ही नारा है चीन के खिलाफ सारा देश हमारा है। धन्यवाद
 
डॉ. कुसुम पांडेय
वरिष्ठ समाजसेवी एवं लेखिका 

देश में छटनी ग्रस्त पत्रकारों के रोजगार एवं सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित हो:- शास्त्री

[ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा राष्ट्रपति प्रधानमंत्री को सौंपा जाएगा ज्ञापन]

ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार आचार्य श्रीकांत शास्त्री जी ने  कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ ख़ास कर छटनी ग्रस्त पीड़ित पत्रकारों व प्रेस कर्मियों को केंद्र व् राज्य सरकारो द्वारा तिरष्कृत किया जा रहा है। उल्लेखनीय श्रम रोज़गार गारन्टी व सुरक्षा के मौजूदा क़ानून को देश मे मीडिया कर्मी/ पत्रकारो के लिये आर्थिक व सामाजिक सुरक्षा हेतु अनुपालन कतई नही की जा रही  है।

कोरोना काल मे मठाधीशो ने सैंकड़ो पत्रकारो को बिना सैलरी  दिए ही बाहर कर दिया है। गुहार लगाने पर उनके साथ गलत व्यवहार किया जा रहा है। 
 सारे मीडिया संस्थान ने मजीठिया वेज बोर्ड की सिफ़ारिशो का घोर उल्लंघन कर रहें हैं। पत्रकारों को न तो कोई नियुक्ति पत्र दी जाती है और न ही नौकरी की कोई गारंटी दी जाती हैं। यहां तक की अपनी मर्ज़ी नौकरी से निकाल दिया जाता है इन शोषित पीड़ित पत्रकारो/ श्रमिकों की रोजगार सुरक्षा हेतु सरकारो द्वारा कोई सुध नहीं ली जा रही हैं।
करोना महाकाल के मद्देनजर पीड़ित पत्रकार अपनी रोजगार न्याय सुरक्षा हेतु न्यायालय में अपनी व्यथा की अर्जी भी नहीं दे पा रहे है और यह में साजिशकर्ताओं का खुल्लम खुल्ला शिकार हो रहे हैं।

इस गंभीर समस्या को दृष्टिगत रखते हुए ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा देशभर के छटनी ग्रस्त मीडिया कर्मी/पत्रकारों के व्याप्त संकट के संबंध में महामहिम राष्ट्रपति, मा. प्रधानमंत्री, श्रममंत्री एवं देश के सभी राज्यो के मुख्यमंत्रीओ को इस संकट के निवारण हेतु जल्द ही ज्ञापन/प्रार्थना पत्र भेजा जाएगा।

लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को दबाने की कोशिश बर्दाश्त नहीं :-शास्त्री

ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार आचार्य श्रीकांत शास्त्री जी ने गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जिस प्रकार से लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को कुचलने दबाने फसाने की कोशिश की जा रही है वो देश प्रदेश के लिए ठीक ही नहीं है बल्कि दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय है, शास्त्री जी ने कहा कि भारत एक विशाल लोकतंत्र वाला देश है, जहां सबको अभिव्यक्ति की आजादी है, इसके बावजूद मीडिया की स्वतंत्रता एवं लोकतंत्र का चौथा स्तंभ सुरक्षित नहीं है। संविधान की भावना को बाधित करने का कोई भी प्रयास खेद जनक है। हाल ही में पश्चिम बंगाल सहित कुछ प्रदेशों में पत्रकारों के साथ जिस प्रकार से दुर्भावना से ग्रसित होकर जो बर्ताव किया वह अत्यंत निंदनीय है।

साथ ही श्री शास्त्री जी ने मुंबई पुलिस एवं कोलकाता पुलिस का भी जिक्र करते हुए कहा कि जिस प्रकार से छोटी-छोटी बातों को लेकर, देश के सम्मानित पत्रकारों को बुलाकर एवं उन्हें घंटो घंटा बैठाकर पूछताछ किया गया यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। इसी तरह से उत्तर प्रदेश के भी कुछ अधिकारी अपनी गड़बड़ी छिपाने के लिए पत्रकारों पर फर्जी ढंग से मुकदमे दर्ज करवाकर सरकार की छवि धूमिल कर रहे हैं। 

शास्त्री जी ने कहा कि जिस प्रकार से वहां की सरकारों द्वारा बार-बार मीडिया को धमकी दी जा रही है और पत्रकारों को परेशान किया जा रहा है यह अनुचित है,  वर्तमान घटना पश्चिम बंगाल में मीडिया स्वतंत्रता के लिए खतरा का एक स्पष्ट उदाहरण है संपादको एवं पत्रकारों को परेशान करना और उन्हें डराना प्रेस स्वतंत्रता का स्पष्ट उल्लंघन है I 

एसोसिएशन के अध्यक्ष की ओर से वहां के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों एवं महामहिम राज्यपाल महोदय से आग्रह करते हुए कहा गया है कि इस तरह की घटनाओं का स्वयं संज्ञान लेकर गलत हो रहे कार्यों पर रोक लगाएं, ताकि पत्रकारों को बिना किसी खतरे और दबाव के काम करने के लिए अनुकूल वातावरण मिल सके।

शास्त्री जी ने कहा कि देश के कुछ प्रदेशों में प्रेस की स्वतंत्रता को बाधित करने का प्रयास देश के पत्रकारों को स्वीकार्य नहीं है, देश के उन प्रदेशों की सरकारों को इस तरह के मीडिया विरोधी मानसिकता से परहेज करना चाहिए और मीडिया को राष्ट्रहित में बिना किसी जोर दबाव के अपने कार्य को करने देना चाहिए।

पत्रकारों पर दर्ज मुकदमे को वापस ले सरकार:- शास्त्री

ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार आचार्य श्रीकांत शास्त्री ने मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी को पत्र भेजकर कहा कि कुछ अधिकारी सरकार की छवि खराब करने की कर रहे हैं कोशिश।

शास्त्री जी ने मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी को पत्र भेजकर पत्रकारों के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस लेने की मांग की है। एसोसिएशन की ओर से बताया गया है कि प्रदेश में विभिन्न जिलों के अधिकारी अपनी गड़बड़ी छिपाने के लिए पत्रकारों पर फर्जी ढंग से मुकदमे दर्ज करवाकर सरकार की छवि धूमिल कर रहे हैं। 

शास्त्री जी ने अपने पत्र में लिखा है कि कोरोना महामारी के दौरान स्वास्थ्यकर्मी, पुलिस बल, प्रशासन, सफाईकर्मी एवं अन्य सरकारी विभागों के कर्मियों की तरह ही पत्रकार भी बखूबी अपना कर्तव्य निभा रहे हैं एवं  महामारी से बचने के उपायों की जानकारी अपने चैनल व अखबारों के माध्यम से दे रहे हैं।

साथ ही श्री शास्त्री जी ने यह भी कहा कि मीडियाकर्मी अपने दायित्वो का निर्वहन करते हुए प्रशासनिक व्यवस्था को सरकार तक एवं सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों को जनता तक एवं जनता की समस्याओं को सरकार व अधिकारियों तक पहुंचाते हैं  जिससे समय पर कार्य किया जा सके। उन्होंने कहा कि हैरानी की बात है कि जब कुछ जिलों में अधिकारियों द्वारा की गई लापरवाही उजागर होने लगी तब वहीं अधिकारी अपनी कमी छुपाने के लिए पत्रकारों पर  बदले की भावना से कार्रवाई करने लगे। उन्होंने कहा कि मीडियाकर्मियों को समाचार लिखने या दिखाने पर मुकदमा दर्ज किए जा रहे हैं। यह बहुत ही दुखद एवं निंदनीय है।

श्री शास्त्री जी ने कुछ जिलों के पत्रकारों पर दर्ज हुये मुकदमो का भी जिक्र करते हुए बताया की सीतापुर के पत्रकार रविंद्र सक्सेना पर महोली तहसील में होम क्वारंटाइन किए गए लोगों को प्रशासन द्वारा दुर्गंध व फफूंदीयुक्त चावल देने का समाचार जारी करने पर मुकदमा दर्ज किया गया। कानपुर में होमगार्ड के जवानों की समस्याओं की खबर प्रकाशित करने पर मीडिया ब्रेक’ वेबसाइट के संपादक आशीष अवस्थी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया, फतेहपुर में अजय भदौरिया ने ट्वीट किया था कि विजयपुर का सामुदायिक रसोईघर बंद हो गया है जिसपर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। इसी तरह प्रदेश के कई और जिलों में पत्रकारों पर फर्जी ढंग से मुकदमे दर्ज कराए गए हैं जो चौथे स्तंभ को दबाने की एक बहुत बड़ी साजिश है।

ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन की तरफ से लॉकडाउन के दौरान गाजियाबाद और नोएडा समेत कई स्थानों पर मीडियाकर्मियों के साथ हुई बदसलूकी की तरफ भी मुख्यमंत्री जी का ध्यान आकर्षित कराते हुए सारे फर्जी मुकदमों को खत्म करने की मांग किया गया है।

आचार्य श्रीकांत शास्त्री (वरिष्ठ पत्रकार) को देश के विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थाओं से मिला बड़ा सम्मान।

ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार आचार्य श्रीकांत शास्त्री जी को नेशनल मीडिया क्लब, प्रखर प्रवाह फाउंडेशन, कवरेज इंडिया न्यूज़, बुंदेली प्रेस क्लब, कशिश मीडिया, मीडिया रिपोर्टर एसोसिएशन, राष्ट्रीय एकता संगठन, हिंदी दैनिक प्रवासी संदेश, हिंदी दैनिक जन तपिस, लिब्रा इंटरनेशनल मीडिया ट्रस्ट, संभव फाऊंडेशन आदि देश के विभिन्न सम्मानित एवं प्रतिष्ठित संस्थाओं से मिला कोरोना योद्धा सम्मान पत्र जिस पर सर्वश्री बी.पी. मिश्रा रंजीत निषाद सुनील बच्चन दिनेश मिश्रा सोटा स्वामी आदि सैकड़ों लोगों ने भारी खुशी जाहिर किया।


देश में शीघ्र बने पत्रकार सुरक्षा कानून:- शास्त्री

[मीडिया काउंसिल एवं मीडिया कमीशन बनाए सरकार]

ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार आचार्य श्रीकांत शास्त्री जी ने पत्रकारों के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की मांग उठाई शास्त्री जी ने कहा कि पत्रकारों की सुरक्षा के लिए एसोसिएशन लंबे समय से मांग उठाता चला आ रहा है। उन्होंने कहा कि मीडियाकर्मियों की सुरक्षा के लिए
जर्नलिस्ट्स प्रोटेक्शन एक्ट बनाने की मांग को देशभर मे दौरा करके और तेज किया जाएगा और साथ ही देश भर में मीडियाकर्मियों की सुरक्षा आदि के लिए मीडिया काउंसिल व मीडिया कमीशन का गठन की मांग को लेकर एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल जल्द ही भारत सरकार को ज्ञापन सौपेगा।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि एसोसिएशन के देश व प्रदेश एवं जिलों के पदाधिकारी अपने-अपने जनपदों में हर जनप्रतिनिधियों से पत्रकार सुरक्षा कानून और काउंसिल व कमीशन के गठन की मांग को लेकर भारत सरकार को पत्र लिखवाकर सबको एक साथ ज्ञापन के रूप में सौंपा जाएगा। एसोसिएशन पत्रकारों के विभिन्न समस्याओं को लेकर जरिए रजिस्ट्री आदि के माध्यम से सरकार से मांग करता चला आ रहा है।
साथ ही श्री शास्त्री जी ने कहा है कि पत्रकारों पर किसी भी प्रकार का उत्पीड़न बहुत ही निंदनीय है और चौथे स्तंभ को कमजोर करने की बहुत बड़ी साजिश है।

बने नेशनल जर्नलिस्ट रजिस्टर, मिले हर पत्रकारों को सुविधा:- शास्त्री..

ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार आचार्य श्रीकांत शास्त्री जी ने नेशनल जर्नलिस्ट रजिस्टर बनाने की मांग की है ताकि कानूनी तौर पर पत्रकार की परिभाषा तय हो सके वर्तमान में पत्रकार केवल नाम का चौथा स्तम्भ रहा है ऐसे में पत्रकार की कोई परिभाषा नहीं है  उन्होंने कहा कि नेशनल जर्नलिस्ट रजिस्टर बनने से सभी पत्रकारों का रिकॉर्ड बन जायेगा और इससे यह लाभ होगा कि सरकार द्वारा पत्रकारों के लिए चलाई गई कल्याणकारी योजना पत्रकारों को सुचारु रुप से मिल पाएगी। नहीं तो देश के पत्रकारो को वास्तविक सुविधा कभी भी नहीं मिल पाएगी। साथ ही पत्रकारों की सुरक्षा के लिए बने कानून भी सख्ती से लागू हो जिससे देश के पत्रकार वास्तविक एवं राष्ट्रहित न्यायपूर्ण बिना दबाव के पत्रकारिता कर सके।

उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री श्री बाजपेई एवं पूर्व उपराष्ट्रपति शेखावत जी का उदाहरण देते हुए कहा कि पत्रकार जनता एवं सरकार के आंख व मुंह के रूप में होते हैं वह जनता की समस्या सरकार तक एवं सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों को जनता तक पहुंचाते है।

साथ ही शास्त्री जी ने यह भी कहा कि पत्रकारों को भी तीनों स्तंभों की तरह पेंशन आदि की सुविधा दी जानी चाहिए और इसके अलावा उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से डॉक्टरों, अधिवक्ताओं, प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस बलों आदि के लिए पूरे देश में एक कानून है और एक नियम है उसी प्रकार से पत्रकारों का भी एक नियम एक कानून होना चाहिए। देश का हर पत्रकार राष्ट्र हित सर्वोपरि रखते हुए अपने दायित्वों का पूरा का पूरा निर्वहन करता है। उसके साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव रखना बहुत ही दुखद है। देश के हर पत्रकारों को भी सामुदायिक बीमा योजना के तहत शामिल किया जाना चाहिए।

सहयोगी दलों के सहयोग से एनडीए तीसरी बार भी अपनी नैया पार लगाने की फिराक मे।

  आचार्य श्रीकान्त शास्त्री, वरिष्ठ पत्रकार  देश में आम चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक सरगर्मियां बड़ने लगी है और हर पार्टिया ‌अपनी ...