रिमझिम रिमझिम करता सावन आया, सावन आया।।
धरती की प्यास बुझाया, पेड़ पौधों को जी भर नहलाया
प्रकृति को सोलह सिंगार कराया, कजरी और गीतों का सावन आया
राग मल्हार का गीत सुनाया, मन मयूर भी खूब नाचा गाया
तीज त्योहारों का मौसम आया, सावन आया सावन आया
कजरी तीज, नाग पंचमी का पर्व मनाया,
पुआ गुलगुले और पकौड़ी जी भर खाया
रिमझिम रिमझिम करता, सावन आया सावन आया
भोलेनाथ ने विषपान कर, मानव पर अमृत बरसाया
धरा को हरा भरा कर सुखद और सुरम्य बनाया
रिमझिम रिमझिम करता सावन आया, सावन आया
भले ही कोरोना ने दूरी सिखाया, पर दिल से प्यार वह भी ना मिटा
पाया
जाते-जाते सावन ने फिर प्यार बरसाया, भाई बहन का पावन पर्व लाया
रक्षाबंधन के त्यौहार ने फिर भाई बहन का प्यार जगाया
एक दूसरे बिना जीवन अधूरा, रिश्तो का फिर एहसास कराया
रिमझिम रिमझिम करता सावन आया, सावन आया
जाते जाते फिर यह समझाया, कि घरों में रहकर ही प्रेम बढ़ाओ
महामारी से अपनों को बचाओ
एक दूसरे की सुरक्षा का ही वचन निभाओ
प्यार के बंधन में बंध कर रक्षाबंधन का पर्व मनाओ
रिमझिम रिमझिम करता, सावन आया सावन आया।।"
धरती की प्यास बुझाया, पेड़ पौधों को जी भर नहलाया
प्रकृति को सोलह सिंगार कराया, कजरी और गीतों का सावन आया
राग मल्हार का गीत सुनाया, मन मयूर भी खूब नाचा गाया
तीज त्योहारों का मौसम आया, सावन आया सावन आया
कजरी तीज, नाग पंचमी का पर्व मनाया,
पुआ गुलगुले और पकौड़ी जी भर खाया
रिमझिम रिमझिम करता, सावन आया सावन आया
भोलेनाथ ने विषपान कर, मानव पर अमृत बरसाया
धरा को हरा भरा कर सुखद और सुरम्य बनाया
रिमझिम रिमझिम करता सावन आया, सावन आया
भले ही कोरोना ने दूरी सिखाया, पर दिल से प्यार वह भी ना मिटा
पाया
जाते-जाते सावन ने फिर प्यार बरसाया, भाई बहन का पावन पर्व लाया
रक्षाबंधन के त्यौहार ने फिर भाई बहन का प्यार जगाया
एक दूसरे बिना जीवन अधूरा, रिश्तो का फिर एहसास कराया
रिमझिम रिमझिम करता सावन आया, सावन आया
जाते जाते फिर यह समझाया, कि घरों में रहकर ही प्रेम बढ़ाओ
महामारी से अपनों को बचाओ
एक दूसरे की सुरक्षा का ही वचन निभाओ
प्यार के बंधन में बंध कर रक्षाबंधन का पर्व मनाओ
रिमझिम रिमझिम करता, सावन आया सावन आया।।"
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