हर प्रदेशों में पत्रकार कल्याण बोर्ड गठन करने का निर्देश दे भारत सरकार:- शास्त्री

ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार आचार्य श्रीकांत शास्त्री जी ने कहा कि जिस प्रकार से देशभर में अधिवक्ताओ, डॉक्टरो आदि के नियम कानून एक है उसी प्रकार से पत्रकारों का भी नियम कानून एक हो, इस समस्त समस्याओं का हल है कि देश की मोदी सरकार मीडिया जगत के उत्थान व हितो के लिए पत्रकार कल्याण बोर्ड का गठन करे एवं देश के समस्त राज्यों को भी पत्रकार कल्याण बोर्ड गठन करने का निर्देश दे, जिसके तहत देश के पत्रकारों की हर समस्याओ पर विस्तार से चर्चा होकर उसका गंभीरता से हल निकलेगा। केन्द्र सरकार सबका साथ सबका विकास पर बात कर रही है और उस पर कार्य भी कर रही है लेकिन पत्रकारों के मुद्दे पर अभी तक कोई सार्थक हल नहीं निकल पाया है।

श्री शास्त्री जी ने कहा कि जिस प्रकार से देश के कुछ प्रदेशों में (हरियाणा,पंजाब,मध्य प्रदेश व राजस्थान) पेंशन की सुविधा उपलब्ध है उसी प्रकार से देश के अन्य प्रदेशों में भी पत्रकारों को पेंशन सुविधा दिया जाना चाहिए, सरकारों को ग्रामीण स्तर व फील्ड के गैर मान्यता प्राप्त पत्रकार (जो सरकारो की जनकल्याणकारी नीतियों को जनता तक एवं जनता की समस्याओं को सरकार तक पहुंचाते हैं) उन्हें भी यह सुविधा दिया जाना चाहिए। इसके अलावा देश भर में पत्रकारों पर हो रहे हमलो एवं उनके ऊपर फर्जी ढंग से दबाव बनाने के लिए लिखाए जा रहे मुकदमों पर निंदा एवं खेद प्रकट करते हुए केंद्र सरकार से मांग है की पत्रकारिता संरक्षण अधिनियम का गठन किया जाए और रेल बस में निशुल्क यात्रा का लाभ गैर मान्यता वाले पत्रकारों को भी दिया जाए। 

एसोसिएशन के अध्यक्ष ने यह भी कहा है कि जिन पत्रकारों ने पत्रकारिता में डिग्री व डिप्लोमा कर रखा है उनको सूचना प्रसारण एवं सूचना जनसंपर्क विभाग के सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण दिया जाए। साथ ही शास्त्री जी ने कहा कि पत्रकारिता एक व्यवसाय न होकर एक मिशन व सेवा है इसलिए पत्रकारों को विधायकों व सांसदों की तर्ज पर मकान बनाने के लिए पांच फीसदी दर पर लोन मुहैया करवाया जाए।

कोरोना के दौरान पत्रकारों पर दर्ज मुकदमों का संज्ञान ले P.C.I. :- शास्त्री



ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार आचार्य श्रीकांत शास्त्री ने कहा है कि जिस प्रकार से P.C.I. चेयरमैन न्यायमूर्ति सी.के. प्रसाद जी द्वारा पत्रकार अर्नव गोस्वामी एवं संपादक आशीष अवस्थी आदि के मामलों में स्वतः संज्ञान लिया गया उसी प्रकार से पत्रकार अजय सिंह भदौरिया, (फतेहपुर) एवं विनोद शुक्ला (प्रयागराज) सहित कोरोना महामारी के दौरान देश में कवरेज कर रहे पत्रकारों पर दर्ज मुकदमों का भी संज्ञान ले, नहीं तो चौथे स्तंभ की गरिमा को बहुत ही बड़ा ठेस पहुंचेगा।

 देश के कुछ हिस्सों में कोरोना महामारी से जुड़ी खबरों की कवरेज को लेकर कई पत्रकारों पर एफआईआर दर्ज करने, उनको झूठे मामलों में फंसाने और पुलिस प्रशासन द्वारा धमकाने के बढ़ते मामलों पर आल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष आचार्य श्रीकांत शास्त्री ने प्रधानमंत्री और प्रेस कांउसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन को पत्र लिखा है, उन्होंने अपने पत्र में तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, झारखंड तथा महाराष्ट्र एवं देश के अन्य प्रदेशों में कुछ पत्रकारों के खिलाफ दर्ज किये गये मामलों को बेबुनियाद और झूठा करार देते हुए कहा है कि शासन-प्रशासन की यह कार्रवाई प्रेस की स्वतंत्रता पर कुठाराघात है, यह पत्रकारों को निष्पक्ष और जनसरोकार से जुड़ी खबरों को लिखने और दिखाने से डराने के लिए किया गया है। उन्होंने प्रेस कांउसिल से इन मामलों की जांच करवाने एवं पीड़ित पत्रकारों को न्याय दिलाने की मांग की है।

कोरोना महामारी के दौरान पत्रकारों के ऊपर दर्ज मुकदमे वापस ले सरकार:- शास्त्री

[*पत्रकारों को कोरोना वारियर्स एवं 50 लाख का बीमा कवर की घोषणा करे सरकार*]

"आँल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन" के अध्यक्ष आचार्य श्रीकांत शास्त्री ने कहा कि हमने केंद्र सरकार एवं प्रदेश सरकार को पत्रकारों के लिए 50 लाख का बीमा एवं पत्रकारों को कोरोना वारियर्स मानने के लिए पत्र लिखा था , लेकिन यह मांग आज तक अधूरी है। आज भी पत्रकार अपनी जान को जोखिम में डालकर जनता की समस्याओं को सरकार तक एवं सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचा रहे हैं और साथ ही सच्चे मन से अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। और लोगों को इस वैश्विक महामारी के प्रति जागरूक कर रहे हैं। लेकिन उनका भविष्य व उनके परिवार की सुरक्षा की चिंता किसी को नहीं है। बहुत से पत्रकार कोरोना महामारी के शिकार हो चुके हैं लेकिन फिर भी पत्रकार अपने दायित्व का निर्वहन बखूबी कर रहे हैं  इसके बावजूद अभी तक देश के पत्रकारों को कोरोना वारियर्स नहीं माना गया और न ही उनका पचास लाख का बीमा किया गया , जो कि देश के पत्रकारों के साथ बहुत बड़ा अन्याय है। शास्त्री जी ने कहा कि कोविड -19 के दौरान देश के पत्रकारों द्वारा सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों पर सकारात्मक रिपोर्टिंग की जा रही है लेकिन फिर भी सरकार का रवैया पत्रकारों के प्रति नकारात्मक सा है और यहां तक पत्रकारों पर ही छोटी छोटी बातों पर मुकदमे दर्ज किए गए। जो चिंतनीय एवं निंदनीय है।

हर हाल में देश के समस्त पत्रकारों को कोरोना योद्धा माने सरकार:- शास्त्री

ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष आचार्य श्रीकांत शास्त्री जी ने कहा है कि देश मे कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन चल रहा है । जिसकी वजह से मीडिया जगत का एक बड़ा वर्ग गंभीर आर्थिक संकट झेल रहा है, फिर भी देश के समस्त पत्रकार दिन रात मीडिया से जुड़ी अपनी जिम्मेदारियां निभाने में लगे है। हम सरकार से लगातार मीडियाकर्मियों को भी कोरोना वारियर्स मानने व उन्हें बीमा कवर देने की मांग कर रहे है। लेकिन खेद है कि अभी तक इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया जबकि देश के प्रधानमंत्री महोदय एवं देश के समस्त प्रदेश सरकारे भी इस महामारी के दौर में मीडिया की प्रशंसा तो कर रहे है, लेकिन पत्रकारों को वारियर्स होने का घोषणा नहीं कर रहे हैं यहां तक कि हाल ही में देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल विपिन रावत ने पत्रकारों को कोरोना वारियर्स माना है। हम उनके आभारी है। देश के समस्त पत्रकार साथी इस महामारी में रिपोर्टिंग कार्यो के अलावा सेवा कार्यो में भी लगे है। कई साथी तो कोरोना वायरस की काफी अच्छी रिपोर्टिंग कर रहे है। ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन देश के समस्त पत्रकारों को कोरोना वारियर्स मानती है और एसोसिएशन द्वारा देश के पत्रकारों को कोरोना योद्धा मानपत्र देकर सम्मानित किया जा रहा है।
सरकार से मेरी मांग है की अन्य कोरोना वारियर्स की तरह पत्रकारों को भी वारियर्स की श्रेणी में रखा जाए।

देश के समस्त पत्रकारों को भी कोरोना वारियर्स माने सरकार :- शास्त्री

ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष आचार्य श्रीकांत शास्त्री जी ने कहा है कि देश मे कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन चल रहा है । जिसकी वजह से मीडिया जगत का एक बड़ा वर्ग गंभीर आर्थिक संकट झेल रहा है, फिर भी देश के समस्त पत्रकार दिन रात मीडिया से जुड़ी अपनी जिम्मेदारियां निभाने में लगे है। हम सरकार से लगातार मीडियाकर्मियों को भी कोरोना वारियर्स मानने व उन्हें बीमा कवर देने की मांग कर रहे है। लेकिन खेद है कि अभी तक इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया जबकि देश के प्रधानमंत्री महोदय एवं देश के समस्त प्रदेश सरकारे भी इस महामारी के दौर में मीडिया की प्रशंसा तो कर रहे है, लेकिन पत्रकारों को वारियर्स होने का घोषणा नहीं कर रहे हैं यहां तक कि हाल ही में देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल विपिन रावत ने पत्रकारों को कोरोना वारियर्स माना है। हम उनके आभारी है। देश के समस्त पत्रकार साथी इस महामारी में रिपोर्टिंग कार्यो के अलावा सेवा कार्यो में भी लगे है। कई साथी तो कोरोना वायरस की काफी अच्छी रिपोर्टिंग कर रहे है। ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन देश के समस्त पत्रकारों को कोरोना वारियर्स मानती है और एसोसिएशन द्वारा देश के पत्रकारों को कोरोना योद्धा मानपत्र देकर सम्मानित किया जा रहा है।
सरकार से मेरी मांग है की अन्य कोरोना वारियर्स की तरह पत्रकारों को भी वारियर्स की श्रेणी में रखा जाए।

गुजराती अखबार के संपादक के खिलाफ की गई कार्यवाही अनुचित :- शास्त्री

ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन ने गुजराती अखबार फेस ऑफ नेशन के संपादक और मालिक धवल पटेल की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए उनकी तुरंत रिहाई की मांग की है । एसोसिएशन के अध्यक्ष आचार्य श्रीकांत शास्त्री ने कहा है कि वे किसी लीगल समाचार छापने पर पत्रकार की गिरफ्तारी का विरोध करते हैं। गुजराती अखबार फेस ऑफ नेशन और पोर्टल के संपादक तथा मालिक धवल पटेल ने गुजरात सरकार के मुखिया के बारे में एक खबर छापने पर उन्हें गिरफ्तार किया गया है जो अनुचित है, धवल पटेल सात मई को अपने अखबार में प्रकाशित किया था कि कोरोना महामारी पर सही तरीके से काबू न कर पाने पर आलाकमान ने सेंट्रल मिनिस्टर मनसुख भाई को सी.एम. बना सकता है। गृह मंत्री शाह को संगठन की तरफ से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि हो सकता है कि यह खबर पूरी तरह से आधारहीन एवं बेबुनियाद हो, लेकिन यह विचार कोई भी व्यक्ति रख सकता है कि सी.एम. इस वैश्विक महामारी को रोकने में विफल हो रहे हैं और मंडाविया इनसे बेहतर कार्य कर सकते है। इस तरह के समाचार प्रकाशित करने पर संपादक धवल पटेल की गिरफ्तारी अनुचित तथा निंदनीय है। पत्रकार की इस तरह से गिरफ्तारी को लेकर मीडिया जगत में धारी नाराजगी है और देश भर के पत्रकार संपादक की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे हैं। एसोसिएशन के अध्यक्ष आचार्य श्रीकांत शास्त्री ने सरकार से धवल पटेल को तुरंत रिहा करने की मांग की है और साथ उन पर लगे सभी आरोपो से मुक्त करने की भी मांग की है।

" लेकिन नहीं छूट रहा..."



इस तेज भागती - दौड़ती जिंदगी और 
ऑफिस से देर रात घर आने 
के रूटीन के चलते
वो भूल चुकी थी एक प्याली 
शाम की चाय का अहसास
अदरक, तुलसी, लोंग, इलाइची संग 
पानी में खौलती गर्माहट सा प्यार।

फिर उसके जीवन में वरदान बनकर  
आया ये मुआ लॉक डाउन
सोचा की वो लौटा लाएगी 
इस लॉक डाउन में 
एक प्याली चाय की चुस्की संग 
दोनों के बीच ठंडे हो चुके रिश्ते 
की गर्माहट सा प्यार।

लेकिन इस लॉक डाउन में उसने
बहुत करीब से जाना उसे 
वो जैसा दिखता, वैसा था नहीं  
वो चाय नहीं हर शाम ढूंढता नशा 
जो आखिर में ले जाएगा 
उसे मौत के घाट, ये जानता है वो भी। 

अब ये लॉक डाउन वरदान नहीं 
अभिशाप लगने लगा दोनों को
एक के सब खुलने लगे राज़
एक का टूटने लगा भ्रम।

वो सोचने लगी 
भ्रम ही सही, बना तो रहता... 
कि आज भी उसके सीने में धड़कती है वो 
आज भी उसकी एक आह पर 
ऑफिस से हांफता हुआ घर लौट आएगा वो 
आज भी उसकी सांसो में 
बसता है उसका ही एक नाम
लेकिन उसकी सांसों को तो 
मिल गया है अब एक दूसरा ही काम....

फ़िर धीरे-धीरे बढ़ने लगा 
ये मुआ लॉक डाउन 
उसी के साथ बढ़ने लगी 
उसकी नसों की हुड़क 
और उनके दिलों में 
कभी न खत्म होने वाली दूरियां।

फिर रही सही कसर पूरी कर दी 
लॉक डाउन में खुले इन ठेकों ने 
कि सभी नशेड़ी जाएं, जाकर बुझा लें 
अपनी नसों की कुलबुलाहट।

फिर भी उसने नहीं मानी हार 
हर शाम की तरह इस शाम भी उसने 
तुलसा, अदरक, लोंग, इलाइची, 
उन दिनों के प्यार की गर्माहट 
इन सबको मिला फिर से बनाई 
एक प्याली चाय....
सोचते हुए, शायद आज शाम से ही 
हो जाएगी शुरुआत प्यार के अहसास की
लेकिन उसके लड़खड़ाते कदमों ने 
उसकी इस उम्मीद को भी जाने दिया...

सोचा था इस लॉक डाउन में ही सही 
छूट जाएगी उसकी ये बुरी आदत
बन जाएगा ये घर मुक्तिधाम उसका 
लौट आएगी उसकी जिंदगी में भी 
वो शाम की एक कप 
चाय की प्याली की गर्माहट सा अहसास 
लेकिन उससे नहीं छूट पाई बोतल 
छूट गया तो सिर्फ और सिर्फ 
उन दोनों के बीच का बचा हुआ प्रेम 
और धीरे-धीरे छूटता जा रहा है 
उसके साथ का हर एक रिश्ता...
वेंटिलेटर पर पड़ी 
आखरी सांसें ले रही हैं 
रिश्तों की गर्माहटें 
जिन्हें वो किसी शाम उसके संग
अपने आंगन की देहरी पर बैठकर 
महसूस करना चाहती थी
चाय की एक प्याली संग गर्माहट सा अहसास...

सब कुछ तो छूटता जा रहा है 
इस लॉक डाउन में 
वो...
उनका प्यार....
हर अहसास...
बस नहीं छूट रहा तो
बोतल का साथ....
उसकी नसों की खुराक...
एक प्याली चाय की गर्माहट को छोड़ 
एक प्याली बोतल की हुड़क बार - बार।

डॉ0 संगीता शर्मा अधिकारी।
लेखिका - कवयित्री

*"सरकार एवं जनता के बीच का मुख्य वाहक होता हैं पत्रकार -आचार्य श्रीकान्त शास्त्री"*



पत्रकारों की स्वतंत्रता नागरिकों की स्वतंत्रता से अलग नही है। पत्रकारों पर होने वाले हमले के विरोध में केवल मीडिया ही नही समाज के हर वर्ग को साथ आना चाहिए। विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष आचार्य श्रीकांत शास्त्री ने प्रेस की स्वतंत्रता पर किया जा रहा उठाराघाट पर गहरा दुख व्यक्त किया। पत्रकारों पर हाल के दिनों में देश के कई राज्यों में हुए हमलों और उत्पीड़न को गंभीरता से लेते हुए वहां के प्रशासन व सरकार को जिम्मेदार ठहराया, साथ ही यह भी कहा कि हाल के दिनों में यह देखा गया है कि देश के विभिन्न राज्यों के कुछ जिलों में स्थानीय माफियाओं में पत्रकारों पर हमला बोलने की प्रवृत्ति बढ़ी है। उन्होंने कहा कि कुछ अवैध काम करने वाले लोग प्रशासन की मिली भगत से पत्रकारों पर झूठे मुकदमे दर्ज करा उन्हें फंसा देते हैं अब पत्रकारो को भी समाज के हर वर्गों के सुख दुख मे जुड़ना होगा।

शास्त्री जी ने कहा कि एसोसिएशन सड़क से लेकर अदालत तक पत्रकारों के लिए लगातार लड़ाई लड़ रहा है। और पत्रकारों पर हमले को रोकने के लिए संसद में कानून बने इसके लिए सभी पत्रकारों को जनप्रतिनिधियों पर दबाव बनाना होगा। अध्यक्ष जी ने कहा कि पत्रकारों को आपसी मतभेद भूलाकर एक होना होगा,  पत्रकारों पर हमला दरअसल नागरिक अधिकारों पर भी हमला है। उन्होंने एसोसिएशन के योगदान का जिक्र करते हुए कहा कि हर दौर की सरकारों से मीडिया की स्वतंत्रता पर हमले को लेकर एसोसिएशन संघर्ष कर रहा है।