सीडीएस की तर्ज पर प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की जगह मीडिया काउंसिल बनाए सरकार:- शास्त्री

 

{"प्रेस काउंसिल आफ इंडिया की जगह मीडिया काउंसिल बनाए सरकार, ताकि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का भी हित संरक्षित हो सके"}


["पत्रकारों को चौथे स्तंभ का दर्जा देकर अधिसूचित किया जाए एवं मीडिया कमीशन का पुनः पुनर्गठन हो व मीडिया प्रोटक्शन बिल लागू हो।"]



प्रयागराज, ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन "ऐप्रवा" के अध्यक्ष, वरिष्ठ पत्रकार आचार्य श्रीकान्त शास्त्री जी ने सरकार से मांग किया है और कहा जिस प्रकार से तीनों सेना को एक करके एक सीडीएस बनाया गया है उसी प्रकार से प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की जगह मीडिया काउंसिल बनाया जाये।


शास्त्री जी ने सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि सरकारे पत्रकारों के मामलों में अनदेखीं करतीं चलीं आ रही है जिस प्रकार से पत्रकारों को बिना लिखा पढ़ी कहने भर के लिए चौथा स्तंभ कहा जाता है लेकिन ऐसा है नहीं, यह बहुत ही खेद का विषय है और इससे भद्दा मजाक भी नहीं हो सकता, सरकार जल्द पत्रकारों को चौथे स्तंभ का दर्जा देकर अधिसूचित करें" एवं मीडिया कमीशन का पुनर्गठन कराए और साथ ही मीडिया प्रोटेक्शन बिल लागू हो अन्यथा की स्थिति में [ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन] "ऐप्रवा" परिवार की ओर से देशभर में बड़ा आंदोलन के साथ जन जागरण किया जाएगा।


शास्त्री जी द्वारा पुनः बताया गया है कि निम्न सभी मांगों के सम्बन्ध में ऐप्रवा परिवार की ओर से दशको से जरिए रजिस्ट्री पत्र, ईमेल, सोशल मीडिया, समाचार पत्रों इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री एवं सक्षम अधिकारियों से मांग करता चला आ रहा हैं। लेकिन पत्रकारों की इस मांग को अभी तक ठंडे बस्ते में रखा गया है जो बहुत ही खेद का विषय है, जो समाज सबको उजाला दिखाता है उसी को अंधेरा मे रख दीया गया है। यदि इसमे अनदेखी की गयी तो, जिस प्रकार से पीसीआई के गड़बड़ झाले के खिलाफ एवं उ.प्र. प्रेस मान्यता समिति के संबंध में व पत्रकारों के अन्य समस्याओं के मामलों में जिस प्रकार से ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन परिवार द्वारा न्यायालय न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया है उसी प्रकार से इसमें भी न्याय पाने के लिए ऐप्रवा परिवार न्यायालय का दरवाजा खटखटायेगा।

पत्रकारों की योग्यता निर्धारित करवाने के सन्दर्भ में भारतीय प्रेस परिषद में एक महत्वपूर्ण बैठक का निर्धारण

 चिकित्सकों, अधिवक्ताओं के तर्ज पर पत्रकारों के भी योग्यता निर्धारित करने के लिए PCI में विचार मंथन शुरू:-


आंल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष, वरिष्ठ पत्रकार आचार्य श्रीकांत शास्त्री ने कहा, वकालत के पेशे में एलएलबी की डिग्री के साथ बार काउंसिल में पंजीकरण जरूरी होता है। इसी तरह मेडिकल पेशे में एमबीबीएस होना जरूरी योग्यता है और साथ में मेडिकल काउंसिल में पंजीकरण भी कराना होता है लेकिन पत्रकारिता के क्षेत्र में ऐसा कुछ भी नहीं है। पत्रकारों के पंजीकरण एवं योग्यता निर्धारित करवाने के लिए ऐप्रवा अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार आचार्य श्रीकान्त शास्त्री की ओर से दशकों से प्रयास के साथ साथ सम्मानित सासंदों, विधायको एवं अन्य जनप्रतिनिधियो, संपादकों, वरिष्ठ पत्रकारों व विश्वविद्यालयों के माध्यम से सैकड़ों पत्र मा. प्रधानमंत्री, मा. सूचना प्रसारण मंत्री एवं मा. अध्यक्ष भारतीय प्रेस परिषद को जरिए रजिस्ट्री, ईमेल व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मो के माध्यम से भेजा गया है। 


उपरोक्त के संबंध में  तत्कालीन अध्यक्ष, भारतीय प्रेस परिषद, सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति श्री मारकंडे काटजू ने भी पत्रकारों के योग्यता निर्धारित करने की बात रखते हुए गठित समिति को और मजबूती देते हुए जल्द प्रभावी कार्यवाही करने के लिए कहा था। 



जिसके संबंध में वर्तमान PCI की अध्यक्ष ने पत्रकारों के उपरोक्त समस्या को दृष्टिगत रखते हुए इस विषय पर संज्ञान लेकर एक बैठक 14/12/22 को निर्धारित किया है, जिसके लिए #ऐप्रवा परिवार ने उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए जल्द से जल्द योग्यता निर्धारित करने की मांग की है। 


#पत्रकार_एकता_जिंदाबाद