(न्यायालय, मानवाधिकार एवं सरकार की मंशा रहती है, सबके साथ न्याय एवं समानता, लघु एवं मझोले अखबारों के साथ भेदभाव क्यों? जिसके लिए ऐप्रवा की ओर से मुख्यमंत्री को पत्र।)
प्रयागराज, ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार आचार्य श्रीकान्त शास्त्री ने बताया कि प्रायः सरकार की जन उपयोगी विकासशील एवं महत्वपूर्ण कार्यों को प्रदेश के लघु व मझौले अखबार शहर से लेकर ग्रामीण तक के जन मानस को बताने एवं उनके पास तक आपकी योजनाओं को पहुंचाने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका रहती हैं। लेकिन विज्ञापन के मामलों में जिम्मेदार लोगों द्वारा जो व्यवहार कुछ चुनिंदा लोगों के साथ किया जाता है वह व्यवहार लघु व मझौले अखबारों के साथ नहीं किया जाता, यह कार्य बहुत ही घृणित एवं निंदनीय है। और सरकार को बदनाम करने की साजिश है, तथा सबका साथ और सब के विकास वाले नारे का अपमान है और डबल इंजन की सरकार द्वारा जिस प्रकार से राष्ट्रहित सर्वोपरि के साथ कार्य किया जा रहा है उसमें उपरोक्त लोगों द्वारा प्रश्नचिन्ह खड़ा किया जा रहा है जो बहुत ही चिंतनीय, सोचनीय एवं निंदनीय है जहां एक देश एक कानून की बात होती हो, वही कुछ नौकरशाहो/तनखइया लोगों द्वारा एक देश दो कानून की स्थिति पैदा किया जा रहा है, जो बहुत ही दुखद है। साथ ही लोकप्रिय एवं जनप्रिय सरकार में किसी को ज्यादा किसी को कम करना सरकार को बदनाम करने की साजिश है।
शास्त्री जी द्वारा यह भी बताया गया कि निम्न सभी मांगों के सम्बन्ध में ऐप्रवा परिवार की ओर से दशको से जरिए रजिस्ट्री पत्र, ईमेल, सोशल मीडिया, अखबार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से मुख्यमन्त्री, प्रधानमंत्री एवं अधिकारियों से मांग करता चला आ रहा हैं। लेकिन पत्रकारों की इस मांग को अभी तक ठंडे बस्ते में रखा गया है जो बहुत ही खेद का विषय है, जो समाज सबको उजाला दिखाता है उसी को अंधेरा मे रखा गया है। जहां एक ओर देश की न्यायप्रिय सरकार एवं न्यायपालिका व मानवाधिकार आदि की भी यही मंशा रहती है कि हर जगह न्याय के साथ समानता के आधार पर कार्य हो वही दूसरी ओर लघु एवं मझोले समाचार पत्रों के साथ अनदेखी किया जाना अनुचित तथा दुर्भाग्यपूर्ण है।
यहां शास्त्री जी द्वारा पुनः बताया गया है कि यदि इसमे अनदेखी की गयी तो, जिस प्रकार से पीसीआई के गड़बड़ झाले के खिलाफ एवं उ.प्र. प्रेस मान्यता समिति में हो रही देरी के विरुद्ध व पत्रकारों के अन्य समस्याओं के मामलों में ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन परिवार द्वारा न्यायालय से न्याय पाया गया है उसी प्रकार से इसमें भी न्याय पाने के लिए ऐप्रवा परिवार न्यायालय का दरवाजा खटखटायेगा।