पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव के मामले में सही न्याय मिलने तक आर-पार की लड़ाई लडे़गा ऐप्रवा:- शास्त्री
ऐप्रवा परिवार ने विश्व पर्यावरण दिवस को जीवंत दिवस के रूप में मनाया।
विश्व पर्यावरण दिवस 2021 की थीम इस साल इकोसिस्टम रेस्टोरेशन यानी कि पारिस्थितिकी तंत्र बहाली है। इकोसिस्टम रेस्टोरेशन के तहत पेड़ लगाकर या पर्यावरण की रक्षा कर प्रदूषण के बढ़ते स्तर को कम करना और इकोसिस्टम पर बढ़ते दबाव को कम करना है। पर्यावरण दिवस के अवसर पर ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा वृहद वृक्षारोपण किया गया। ऐप्रवा परिवार की ओर से सर्वप्रथम परमानंद त्रिपाठी (सोंटा स्वामी) ने बताया कि विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनियाभर में लोगों के बीच पर्यावरण प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, ग्रीन हाउस के प्रभाव, ग्लोबल वार्मिंग, ब्लैक होल इफेक्ट आदि ज्वलंत मुद्दों और इनसे होने वाली विभिन्न समस्याओं के प्रति सामान्य लोगों को जागरूक करना है और पर्यावरण की रक्षा के लिए उन्हें हर संभव प्रेरित करना है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार आचार्य श्रीकान्त शास्त्री ने बताया कि प्रकृति से जोडना ही समय की मांग है। इसकी अनदेखा हमें विनाश की ओर धकेल रही है। पर्यावरण की बढ़ती समस्या का हल तभी निकाला जा सकता है, जब हर नागरिक अपनी-अपनी भूमिका तय करे। हमारी बढ़ती भौतिकतावादी जरूरतों के कारण प्रकृति को काफी नुकसान हुआ है।
ऐप्रवा परिवार की ओर से संजय सिंह ने कहा कि भविष्य में पर्यावरणीय समस्याओं से लड़ने के लिए स्कूल स्तर पर शिक्षा प्रणाली को ज्यादा से ज्यादा व्यवाहारिक बनाने की जरूरत होगी, तभी हम मानव अस्तित्व को बचा सकते हैं। इसके लिए बच्चों के साथ-साथ पैरंट्स को भी साथ आने की जरूरत है। ऐप्रवा की ओर से अभय शंकर पाण्डेय ने बताया कि संपूर्ण मानवता का अस्तित्व प्रकृति पर निर्भर है। इसलिए एक स्वस्थ एवं सुरक्षित पर्यावरण के बिना मानव समाज की कल्पना अधूरी है। ऐप्रवा की ओर से संपादक दिनेश मिश्रा ने बताया कि वृक्ष हमारे पर्यावरण के महत्वपूर्ण एवं अभिन्न घटक हैं। वृक्षों के बिना पृथ्वी पर मनुष्य अथवा किसी भी जीव - जन्तु - पशु - पक्षी का जीवन संभव नहीं है।
ऐप्रवा परिवार की ओर से संपादक अरविंद सिंह बिसेन एवं पत्रकार अमर चंद्र पटेल ने बताया कि वर्तमान समय में विकास तथा शहरीकरण के कारण हरे वृक्षों की अंधाधुंध कटाई हो रही है जिससे हमारा पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। ज्यों - ज्यों वृक्षों की संख्या घटती जा रही है, त्यों-त्यों मानव जीवन पर संकट बढ़ता जा रहा है। ऐप्रवा परिवार की ओर से संपादक बी.डी. पांडेय एवं पत्रकार विनय प्रकाश तिवारी ने कहा कि पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिये अधिक से अधिक वृक्ष लगाए जाय जिससे पानी एवं शुद्ध आक्सीजन मिलती रहे। ऐप्रवा परिवार की ओर से मुकेश गुप्ता, दिलीप चंद्र पांडे, आशीष जायसवाल, देवाशीष श्रीवास्तव ने भी वर्तमान समस्या को दृष्टिगत रखते हुये लोगो को वृक्ष लगाने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में उपरोक्त लोगों के अलावा तमाम गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
ऐप्रवा परिवार ने दिया महान पर्यावरणविद सुंदर लाल बहुगुणा को श्रद्धांजलि* ।
ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन परिवार ने विश्व प्रसिद्ध पर्यावरणविद व चिपको आंदोलन के जनक स्व. सुंदर लाल बहुगुणा जी को श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर ऐप्रवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार आचार्य श्रीकांत शास्त्री ने कहा कि सुंदरलाल बहुगुणा जी का निधन हमारे देश के लिए एक बड़ी क्षति है। उन्होंने प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने के हमारे सदियों पुराने लोकाचार को प्रकट किया। उनकी सादगी और करुणा की भावना को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना काल में लोग बीमार हो रहे हैं तो उन्हें आक्सीजन की आवश्यकता पड़ रही है। जबकि स्व. बहुगुणा जी पहले ही जानते थे कि अगर मानव को जीवित रहना है तो हरे-भरे पेड़ को बचाना होगा। उन्होंने कहा कि विकास की इस आंधी में आज हजारों पेड़ काट दिये जा रहे हैं जिसके कारण तमाम प्रकार की बिमारियों ने जन्म ले लिया है।
ऐप्रवा परिवार के अभय शंकर पाण्डेय ने कहा कि 'चिपको आंदोलन के प्रणेता, विश्व में वृक्षमित्र के नाम से प्रसिद्ध महान पर्यावरणविद् पद्म विभूषण सुंदरलाल बहुगुणा जी के निधन का अत्यंत पीड़ादायक है। स्वर्गीय सुंदरलाल बहुगुणा ने जीवन पर्यंत पेड़-पौधों के संरक्षण और संवर्धन के लिए कार्य किया। सामाजिक समरसता का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए जातिवाद ऊंच-नीच इन सब कुरीतियों को समाप्त कर पर्यावरणविद बहुगुणा ने एक आदर्श समाज की स्थापना के लिए प्रयास किया।
ऐप्रवा परिवार के अमित पाठक ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में दिए गए महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें 1986 में जमनालाल बजाज पुरस्कार और 2009 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। पर्यावरण संरक्षण के मैदान में स्व. सुंदरलाल बहुगुणा जी के कार्यों को इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा।
कार्यक्रम में सर्वश्री संजय सिंह, विनय प्रकाश तिवारी, वी.डी. पांडेय, बंटी भाई, दिलीप चंद्र पांडेय आदि लोग उपस्थित रहे।